Basant Panchami : बसंत पंचमी, माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित होता है।
मां सरस्वती की पूजा करने के कुछ मुख्य कारण | Basant Panchami
ज्ञान और बुद्धि प्राप्ति: मां सरस्वती ज्ञान और बुद्धि की देवी हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से ज्ञान, शिक्षा और विद्या में सफलता प्राप्त होती है।
रचनात्मकता और कला: मां सरस्वती कला, संगीत और नृत्य की भी देवी हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से रचनात्मकता, कल्पनाशीलता और कलात्मक कौशल में वृद्धि होती है।
नई शुरुआत: बसंत ऋतु नई शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करके हम अपने जीवन में नई शुरुआत कर सकते हैं।
पीले रंग का महत्व:
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन पीले रंग का विशेष महत्व है। पीला रंग ज्ञान, प्रकाश, ऊर्जा, शांति, बुद्धि, खुशी और समृद्धि का प्रतीक है। इसे दर्शाने के लिए लोग पीले कपड़े पहनते हैं और पीले रंग के कपड़े पहनने से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।
पीले रंग के कपड़े पहनने के कुछ मुख्य कारण:
ज्ञान और बुद्धि: पीला रंग ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।
खुशी और समृद्धि: पीला रंग खुशी और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से जीवन में खुशी और समृद्धि आती है।
आशावाद और सकारात्मकता: पीला रंग आशावाद और सकारात्मकता का प्रतीक है। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से जीवन में आशावाद और सकारात्मकता बढ़ती है।
14 फरवरी 2024 का पंचांग
वार: बुधवार
तिथि: शुक्ल पक्ष पंचमी (12:10 PM तक), उसके बाद षष्ठी
नक्षत्र: रेवती (10:43 AM तक), उसके बाद अश्विनी
योग: शुभ (7:58 PM तक), उसके बाद ब्रह्म
करण: बालव (12:10 PM तक), उसके बाद तैतिल
सूर्योदय: 6:34 AM
सूर्यास्त: 5:51 PM
चन्द्रोदय: 9:31 AM
चन्द्रास्त: 10:41 PM
राहुकाल: 10:43 AM से 12:12 PM
अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं
अमृत काल: 8:30 AM से 9:59 AM, 2:37 AM से 4:08 AM (15 फरवरी)
विजय मुहूर्त: 2:05 AM से 2:50 AM
गोधूलि मुहूर्त: 5:48 PM से 6:14 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त: 5:51 PM से 7:07 PM
निशिता मुहूर्त: 11:47 PM से 12:37 AM (15 फरवरी)
ब्रह्म मुहूर्त: 4:52 AM से 5:43 AM
शुभ मुहूर्त:
सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: सुबह 7:01 AM से दोपहर 12:35 PM
अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: 10:43 AM से 12:12 PM
माँ सरस्वती पूजन समारोह
वसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें। काले या लाल रंग के कपड़े न पहनें। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा आरंभ करें। ऐसा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद ढाई घंटे तक करें। -सरस्वती को सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल चढ़ाएं। प्रसाद में चीनी, दही चढ़ाएं। केसर मिश्रित खीर का भोग लगाना श्रेष्ठ रहेगा। “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” का जाप करना चाहिए। सरस्वती पूजन के बाद, विद्यार्थी अपनी पुस्तकें और वाद्य यंत्र माँ सरस्वती के चरणों में रखकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
माँ सरस्वती की वंदना
वन्दे वाणी विद्या दायिनीं प्रणतार्तिहरां शिवाम्।
जयां मंजु भाषिणीं कलां वरदां मयूर वाहनीं॥
हे वाणी और विद्या की दाता, दुःखों का नाश करने वाली, शिव स्वरूपा देवी,
हे मधुर वाणी बोलने वाली, कलाओं की वरदान देने वाली, मयूर वाहिनी देवी,
तुम्हें नमस्कार है।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा, या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
हे कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की देवी,
हे शुभ्र वस्त्र धारण करने वाली देवी,
हे हाथ में वीणा और दण्ड धारण करने वाली देवी,
हे श्वेत कमल पर आसन ग्रहण करने वाली देवी,
हे ब्रह्मा, विष्णु और शंकर आदि देवताओं द्वारा सदा पूजित होने वाली देवी,
वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें।
माँ सरस्वती, ज्ञान की देवी,
हम तुम्हें प्रणाम करते हैं।
हमें ज्ञान, बुद्धि और विद्या प्रदान करो।
हमें अज्ञान और अंधकार से दूर करो।
हमें सच्चा ज्ञान और प्रकाश प्रदान करो।