गैर-बाइनरी लिंग (non-binary gender) का अर्थ समझने के लिए, सबसे पहले “लिंग पहचान” (gender identity) और “लिंग अभिव्यक्ति” (gender expression) के बीच के अंतर को समझना ज़रूरी है।
गैर-बाइनरी लिंग (non-binary gender) एक छत्र शब्द है जिसका इस्तेमाल उन सभी लिंग पहचानों के लिए किया जाता है जो पुरुष और स्त्री के पारंपरिक द्विआधारी वर्गीकरण में फिट नहीं बैठती हैं।
गैर-बाइनरी लोगों के लिए कुछ सामान्य शब्द हैं, जिनमें शामिल हैं:
- लिंगफ्लुइड: ऐसे लोग जिनकी लिंग पहचान समय के साथ बदलती रहती है।
- एजेंडर: ऐसे लोग जिनकी लिंग पहचान पुरुष और महिला के बीच कहीं मौजूद होती है या इन दोनों से अलग होती है।
- जेंडरक्वीर: ऐसे लोग जो लिंग वर्गीकरण को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं।
- डेमिजेंडर: ऐसे लोग जो आंशिक रूप से पुरुष या महिला के रूप में पहचान करते हैं, लेकिन पूरी तरह से नहीं।

हिंदी में गैर-बाइनरी लिंग को समझाने के लिए कुछ शब्द इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जैसे:
- गैर-द्विआधारी लिंग (non-binary gender)
- लिंग-तरल (gender-fluid)
- लिंग-अस्पष्ट (gender-ambiguous)
- लिंगहीन (agender)
यह समझना महत्वपूर्ण है कि गैर-बाइनरी होना किसी की पसंद नहीं है। यह एक जन्मजात पहचान है, जिसका अर्थ है कि यह वह तरीका है जिससे लोग खुद को जन्म से ही समझते हैं। गैर-बाइनरी लोगों को सम्मान और स्वीकृति के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए, और उन्हें अपनी पहचान को व्यक्त करने का अधिकार है।